Tuesday, October 14, 2025

हम किसी भी हालत में पंजाब की ज़मीनें नहीं बिकने देंगे: भाकपा

Received on Monday 14th October 2025 at 04:51 PM From CPI Media Updated 15th October 08:48 AM 

सोमवार, 14 अक्टूबर 2025 को शाम 04:51 बजे भाकपा मीडिया से प्राप्त

वामपंथी और लोकतांत्रिक ताकतें भी इसका विरोध करें 

ਸੰਕੇਤਕ ਤਸਵੀਰ AI Image by Meta AI 
चंडीगढ़: 14 अक्टूबर 2025: (मीडिया लिंक रविंदर//कामरेड स्क्रीन डेस्क)::

सरकारी ज़मीनों और अन्य संपत्तियों को बेचने जैसी बातें अब आम होती जा रही है। पहले केवल वामपंथी दल ही इसका विरोध करने के लिए आगे आते थे और अब भाकपा ज़मीनों की बिक्री के खिलाफ सबसे पहले आवाज़ उठाने वाली पार्टी बन गई है। ऐसा लगता है कि अन्य दलों को इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है कि सरकारी ज़मीनें बचाई जाएँ या नहीं। भाकपा पंजाब ने कहा है कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि ऐसा फ़ैसला लिया गया है। ऐसा लगता है कि पंजाब सरकार पूरी तरह से भ्रमित है।

पंजाब भाकपा के राज्य सचिव और जुझारू नेता कामरेड बंत बराड़ ने याद दिलाया कि पहले सरकार ने शहरी विकास के नाम पर शहरों के आसपास के किसानों से ज़मीनें जबरन छीनने की योजना बनाई थी, जिसे सभी पंजाबियों ने बुरी तरह विफल कर दिया था। इस नाकामी से कोई सबक लिए बिना, अब पंजाब सरकार ने सरकारी संस्थानों, विश्वविद्यालयों, बोर्डों और निगमों के पास पड़ी ज़मीनों को फिर से बेचने की योजना बना ली है।

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, जिसने पंजाब में कृषि के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है, उसकी 2000 एकड़ ज़मीन और पंजाब बिजली निगमों के पास पड़ी हज़ारों एकड़ ज़मीन को बेचने का पूरा कार्यक्रम बन गया है।

उपरोक्त फ़ैसले पर टिप्पणी करते हुए, पंजाब भाकपा सचिव कामरेड बंत सिंह बराड़ ने अपनी पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि भाकपा पंजाब के किसानों और कर्मचारियों की संयुक्त यूनियनों के संघर्ष का पूरा समर्थन करती है और पंजाब की वामपंथी और लोकतांत्रिक ताकतों से इसका कड़ा विरोध करने की अपील भी करती है।

कामरेड बराड़ ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार, नशाखोरी और गैंगस्टरों पर लगाम लगाने में बुरी तरह नाकाम रही है और अब ज़मीनें बेचकर पंजाब को बर्बाद करने पर तुली है, जिसे पंजाब के मेहनतकश लोग कभी नहीं होने देंगे।

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