श्रीराम तिवारी की फेसबुक वाल से साभार 27 दिसंबर 2019 को सांय 5:48 पर पोस्ट किया गया
लेनिन मौत के बाद ऊपर गये तो देखा कि यमराज और चित्रगुप्त के बीच बात हो रही थी कि लेनिन को कहां भेजा जाय?
लेखक श्रीराम तिवारी |
यमराज ने कहा - नर्क में भेज दो, बन्दा कम्युनिस्ट था.
चित्रगुप्त ने उनकी बात काटते हुए कहा - ऐसा कतई न कीजिये. वहां सब सताये हुए लोग हैं. यह शख़्स उन्हें भड़काकर क्रान्ति कर देगा.
यमराज ने कहा-फिर स्वर्ग में भेज दो!
चित्रगुप्त ने कहा- यह भी मुमकिन नहीं है. वहां वो भले आदमियों को तंग करेगा!
आख़िरकार तय हुआ कि पहले लेनिन का दिमाग बदला जाय और उसमें से कम्युनिज्म का कीड़ा निकाल दिया जाय. शिवजी से पूछा गया, उन्होंने साफ़ मना कर दिया. ब्रह्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनसे तो हो नहीं पाएगा, लेकिन वह विष्णु से बात करेंगे. लेनिन को लेकर वह विष्णु के पास गये. विष्णु राज़ी हो गये और कहा कि एक महीने में यह काम हो जाएगा.
एक महीने बाद लेनिन को वापस लेने ब्रह्माजी खुद विष्णुजी के घर पहुंचे. दरवाज़ा बन्द था,उन्होंने कुंडी खटखटाई. दरवाज़ा खोलकर विष्णु बाहर आये. ब्रह्मा को देखकर उन्होंने कहा :
"कामरेड ब्रह्मा, लाल सलाम !"
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