Wednesday, March 24, 2021

पूंजीवादी व्यवस्था को उखाड़ फेंकना ही वक़्त की सबसे बड़ी ज़रूरत

 Tuesday: 23rd March 2021 at 10:29 PM

 कुरुक्षेत्र में किया गया शहीद भगत सिंह और साथियों के पैगाम का हर दिल तक प्रचार 

कुरुक्षेत्र: 23 मार्च 2021: (कामरेड स्क्रीन ब्यूरो):: 


आज शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव
के 91वें  शहादत दिवस पर जन संघर्ष मंच हरियाणा और शहीद भगत सिंह दिशा ट्रस्ट ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। सर्वप्रथम शहीद भगत सिंह दिशा संस्थान में स्थित शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और शहीद भगत सिंह राजगुरु सुखदेव अमर रहे, इंकलाब जिंदाबाद, पूंजीवाद साम्राज्यवाद का एक इलाज-इन्कलाब ज़िंदाबाद के गगनभेदी नारे लगाए गए। शहीद भगत सिंह और उनके साथियों द्वारा बताए गए क्रांतिकारी मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया। माल्यार्पण के उपरांत शहर की मुख्य सड़कों/बाजारों जैसे कि अमीन रोड, स्टेशन रोड, सैक्टर 17 पर जुलूस निकालते हुए सभी कार्यकर्ता जनसभा स्थल गुरु रविदास धर्मशाला पहुंचे। 

आज की जनसभा की अध्यक्षता डा. लहणा सिंह ने की जो कि शहीद भगत सिंह दिशा मंच सचिव भी हैं। इस  आयोजन का मंच संचालन जन संघर्ष मंच हरियाणा के राज्य सचिव सुरेश कुमार ने किया। जनसभा के मुख्य वक्ता शहीद भगत सिंह दिशा ट्रस्ट के प्रधान कामरेड श्याम सुंदर ने कहा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव का आज शहादत दिवस है। शहीद भगत सिंह देश की मेहनतकश जनता के लिए शहीद शिरोमणि, मार्गदर्शक और रहनुमा हैं। शहीद भगत सिंह ने गांधीवादी नेतृत्व में कांग्रेस के वर्ग चरित्र को बखूबी पहचान लिया था कि इस रास्ते से मेहनतकश जनता को सच्ची आजादी नहीं मिलेगी। गोरे शोषकों की जगह काले शोषक गद्दी पर बैठ जाएंगे। उनकी बात पूरी तरह सच साबित हुई। 

आज़ादी के बाद देश के पूंजीपति मालामाल हुए हैं और देश की मेहनतकश जनता कंगाल हुई है। उन्होंने देश में चल रहे काले कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन के बारे में बताया कि यदि यह काले कृषि कानून लागू हो जाते हैं तो उसका परिणाम बहुत ही घातक होगा। औद्योगिक क्षेत्र की तरह कृषि क्षेत्र भी चंद कारपोरेट घरानों के नियंत्रण में चला जाएगा और राजनीतिक क्षेत्र में मिले जनवादी अधिकार खत्म हो जाएंगे। इसके साथ ही खतरा यह भी कि इससे देश में फासीवाद का आधार तैयार होगा। इसलिए हम इस किसान आंदोलन का पूर्ण समर्थन करते हैं। उन्होंने करोना काल में पास किए गए मजदूर विरोधी लेबर कोड का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि नए लेबर कोड के लागू होने से मजदूर कर्मचारियों के शोषण-दमन की प्रक्रिया तेज होगी। 

उल्लेखनीय है कि तमाम देशों में आमतौर पर पूंजीपति ही मज़दूरों का शोषण करते हैं और सब जगह पूंजीवादी राज्य मशीनरी का चरित्र दमनकारी है इसलिए सभी देशों के मज़दूरों का आपसी कोई झगड़ा नहीं है। सभी देशों में मज़दूरों के दुश्मन पूंजीपति वर्ग और उनकी राज्य मशीनरी है। 

इसलिए इस पूंजीवादी व्यवस्था को उखाड़ फेंकने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि आज देश की मेहनतकश जनता को पूंजीवादी गुलामी, जातीय अत्याचारों और सांप्रदायिक झगड़ों से छुटकारा पाने के लिए शहीद भगत सिंह द्वारा बताए गए मार्ग पर संगठित होकर सही कम्युनिस्ट पार्टी का गठन करते हुए मौजूदा शासन व्यवस्था को उखाड़ फेंकना होगा। उन्होंने मोदी सरकार की तानाशाही और जनविरोधी नीतियों  का कड़ा विरोध करने का भी ज़ोरदार आह्वान किया। 

 एसओएसडी की संयोजिका कविता विद्रोही ने शहीद भगत सिंह, राजगुरु सुुखदेव को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह पाश का भी शहादत दिवस है। उन्होंने कहा कि भारत की धरती पर इन्कलाब का नारा शहीद भगत सिंह ने ही बुलंद किया था और साथ ही इसका अर्थ भी बताया था। 

शहीद भगत सिंह ने बताया था कि युद्ध जारी है और यह युद्ध तब तक जारी रहेगा जब तक पूंजीपतियों ने जनता के साधनों पर एकाधिकार जमाया हुआ है। उन्होंने कहा कि आज देश में बहुत खतरनाक हालात हैं। मोदी सरकार ने जनता में ऐसे सांप्रदायिक वैमनस्य की स्थिति पैदा कर दी है कि एक मुस्लिम बच्चा यदि मंदिर में पानी पी ले तो उसे बुरी तरह पीटा जाए और पीटने वालों के पक्ष में जलूस निकले। जो भी जनता के पक्ष की बात करता है उसे देशद्रोही ठहरा दिया जाता है। 

उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा पास किये गए आंदोलनों के दौरान संपत्ति का नुकसान की भरपाई आंदोलन के आयोजकों से वसूलने वाले काले कानून की कड़ी निंदा की। इसके साथ ही 1057 सरकारी स्कूलों को बंद करने का भी तीखा विरोध किया। उन्होंने छात्र वर्ग और युवाओं से आह्वान किया कि वे अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें और अन्याय को मिटाने के लिए शहीद भगत सिंह के मार्ग पर आगे बढ़ें। 

मंच के पूर्व प्रधान कामरेड पाल सिंह ने कहा कि, देश में फासीवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है। जनवादी अधिकारों को खत्म किया जा रहा है। इस सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्य सामग्री की सुविधा इन कृषि कानूनों के लागू होने से खत्म हो जाएगी। आज जो भी मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करता है उसके खिलाफ यूएपीए जैसे काले कानून लगाती है जो कि बहुत ही चिंता की बात है। 

उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह ने यह बात समझ ली थी कि अंग्रेजों के बाद सत्ता पूंजीपतियों के हाथ में नहीं जानी चाहिए और मेहनतकश वर्ग के हाथ में जानी चाहिए लेकिन उनका यह सपना पूरा ना हो सका। आज हमें भगत सिंह के विचारों को लेकर समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन करना चाहिए और उनके विचारों के बारे में समझते हुए उन्हें जन जन तक ले जाना चाहिये।

मनरेगा मज़दूर यूनियन के प्रांतीय प्रधान नरेश कुमार ने कहा कि करोना काल में मोदी सरकार द्वारा अनुचित रूप से लगाए गए, लॉक डॉन से मजदूर बहुत संकट से गुज़रे हैं। उनका रोज़गार चला गया लेकिन पूंजीपतियों की संपत्ति बढ़ी है। इस दौरान अंबानीअडानी की संपत्ति में 35% वृद्धि हुई है। आज मनरेगा मज़दूरों को संघर्ष के बाद मुश्किल से काम मिलता है और वह भी गंदे स्थानों पर। ऊपर से सरकार और अधिकारी मजदूरों के साथ दमन पूर्ण कार्रवाई करते हैं। यह सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने भगत सिंह के मार्ग पर चलने का आह्वान किया। 

मज़दूर सहयोग केंद्र के नेता कामरेड रामनिवास ने कहा कि आज देश में जगह-जगह शहीद भगत सिंह और उनके साथियों का शहादत दिवस मनाया जा रहा है लेकिन सबके मनाने का तरीका और मकसद अलग-अलग है। जहां दक्षिणपंथी लोग और पूंजीवादी लोग केवल उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर रहे हैं और भगत सिंह के बारे में भ्रांतियां फैलाते हैं वहीं आज क्रांतिकारियों के लिए उनके शहादत दिवस को मनाने का एक ही अर्थ है कि वह भगत सिंह के विचारों और उनके क्रांतिकारी लक्ष्य को समझें और उस पर चलें। 

उन्होंने कहा कि आज भाजपा के शासन में आने के बाद देश में धर्मांधता बढ़ी है। मोदी सरकार ने एक तरफ मज़दूर विरोधी श्रम कानून बनाए हैं और दूसरी तरफ श्रमेव जयते का नारा लगा रहे हैं। काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चल रहा है। इससे बहुत से किसान शहीद हुए हैं लेकिन उनके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शब्द भी नहीं कहा है। 

आज जो लेबर कोड बनाए गए हैं उससे यूनियन बनाने के लोकतांत्रिक अधिकार पर हमला किया गया है। आज की तमाम सरकार पूंजीपति वर्ग की सेवा करने वाली हैं। हमें शहीद भगत सिंह के इस विचार को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि सरकारें बदलने से नहीं बल्कि मौजूदा व्यवस्था बदल कर ही मज़दूर को सच्ची आज़ादी मिल सकती है। 

जन संघर्ष मंच हरियाणा की प्रदेश महासचिव कामरेड सुदेश कुमारी एडवोकेट ने कहा है कि आज देश सबसे बुरे दौर में से गुजर रहा है। आज सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ हर वर्ग सड़कों पर है लेकिन फासिस्ट वृत्ति वाली यह झूठी मोदी सरकार लगातार जनता का दमन कर रही है। वेलफेयर स्कीमें लागू नहीं हो रही हैं।  भाजपा नेताओं द्वारा आंदोलनकारियों पर और महिलाओं पर अभद्र टिप्पणियां की जाती हैं। आज हमें अन्याय और  अत्याचार के खिलाफ लड़ना होगा। इसके लिए हमें शहीद भगत सिंह के बताए मार्ग पर चलते हुए वर्ग संघर्ष के विचार आम जनता तक ले जाने होंगे। शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के विचारों के बिना देश में से शोषण और ज़ुल्म का खात्मा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जन संघर्ष मंच हरियाणा आगामी 26 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा काले कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन की कड़ी में भारत बंद में बढ़ चढ़कर भाग लेगा और 1 अप्रैल को मजदूर विरोधी लेबर कोड के खिलाफ मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान के बैनर के तले जोरदार प्रदर्शन करेगा।

अंत में सभा के अध्यक्ष डॉ लहना सिंह ने कहा कि हमें शहीद भगत सिंह द्वारा बताए गए क्रांतिकारी मार्ग और उनके बताए कार्यक्रम पर खरा उतरने की कोशिश करनी चाहिए. शहीद भगत सिंह के विचारों को पढ़ना चाहिए और जन-जन में ले जाना चाहिए और देश में क्रांतिकारी पार्टी का गठन करते हुए देश में से मौजूदा शोषण मूलक पूंजीवादी व्यवस्था को उखाड़ फेंकना होगा. इसके लिए हमें गांव गांव शहर शहर की मजदूर बस्तियों में क्रांति का विचार ले जाना होगा। 

इस वक्तव्य के जारी कर्ता हैं सोमनाथ जो जन संघर्ष मंच हरियाणा के प्रान्तीय सचिव हैं। 


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