Saturday: 18th January 2020 at 11:40 AM
हाकिम वर्गों के विभिन्न ध़ड़ों में से किसी पर निर्भर होना घातक होगा
लुधियाना: 18 जनवरी 2020: (कामरेड स्क्रीन डेस्क)::
सी ए ए को लेकर देश की जनता का जनता दिन प्रतिदिन मुखर होती जा रही है। इसके साथ ही उग्र होने के संकेत भी नज़र आ रहे हैं। मुख्यता इस आंदोलन की कमान वाम संगठन, मुस्लिम समाज, दलित वर्ग और कांग्रेस में ही है। यह आंदोलन लगातार बढ़ भी रहा है। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से समर्थन के मार्च/आयोजन भी इस विरोध को कुंद कर पाने में नाकाम रहे हैं। वाम इस आंदोलन को जहाँ आम जनता के बीच ले कर जा रहा है वहीँ बुद्धिजीवियों तक भी लेजा रहा है और सोशल मीडिया के ज़रिये आम युवाओं तक भी पहुंच रहा है। फेसबुक पर बने ग्रुप मुक्ति मार्ग में भी इस आशय की सामग्री लगातार छप रही है। हाल ही में मुक्ति मार्ग ग्रुप ने आम लोगों को सावधान किया है कि ध्यान रखना! कहीं फिर मत ठगे जाना! इस सामग्री को यहां भी प्रकाशित किया जा रहा है तांकि सीएए पर जनमत के रुख पर नज़र सके।
मुक्ति मार्ग लिखता है: केरला की तर्ज पर पंजाब विधान सभा ने भी राष्ट्रीय नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध प्रस्ताव पारित कर दिया है। अन्य भी कई गैर भाजपा सरकारें कह रहीं हैं कि वे इस कानून को लागू नहीं करेंगी।
राष्ट्रीय नागरिता कानून के प्रति विभिन्न राज्य सरकारों का यह पैंतरा हाकिम वर्गों के विभिन्न ध़ड़ों का अन्तरविरोध दिखाता है जिसका उपरोक्त काले कानून के खिलाफ़ लड़ रही जनता द्वारा फायदा उठाया जा सकता है। लेकिन इस पर टेक रखनी, हुक्मरान वर्ग के किसी धड़े पर यह भरोसा करना कि वह ईमानदारी और जुर्रत केे साथ यह लड़ाई लड़ेगा, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ़ जनान्दोलन के लिए घातक साबित होगा। यह लड़ाई कम्युनिस्ट क्रान्तिकारी ताकतों के नेतृत्व में भारत की मेहनतकश जनता ने ही लड़नी है। वे ही लड़ सकते हैं।
फेसबुक पर मुक्ति मार्ग ग्रुप में प्रतिबद्ध के हवाले से छपी सामग्री पंजाबी पत्रिका 'प्रतिबद्ध' के फेसबुक पन्ने सेे
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