Saturday, February 23, 2013

रूसी अधिकारियों के विदेशी बैंक खाते बंद होंगे

23.02.2013, 15:08
विदेशी कंपनियों के बांड और शेयर भी नहीं ख़रीद सकेंगे
                                                                                                                      ©Photo: SXC.hu

रूस के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को विदेशी बैंकों में अपने खाते बंद करने होंगे। अगर उनके पास विदेशों में संपत्ति है तो उसके बारे में संबंधित विभागों में पूरी पूरी जानकारी देनी होगी। अब से वरिष्ठ सरकारी अधिकारी विदेशी कंपनियों के बांड और शेयर भी नहीं ख़रीद सकेंगे। इस संबंध में रूसी राष्ट्रपति द्वारा एक बिल पेश किया गया था जिसे देश की संसद के निचले सदन- राजकीय दूमा ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। इस कानून के पारित होने के बाद देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई मज़बूत होगी।

राष्ट्रपति द्वारा प्रस्तुत बिल के तीन उद्देश्य हैं- राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था में धन की वापसी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई। जो लोग देश का प्रशासन चलाने की प्रणाली में शामिल हैं वे अब विदेशों में बैंक खाते नहीं खोल सकते हैं। ऐसे लोगों की एक विशिष्ट सूची है जिसमें देश के सांसद, अभियोजक कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय बैंक के निदेशक मंडल के सदस्य, क्षेत्रीय प्रशासनिक वर्ग से संबंधित अधिकारी, सरकारी निगमों और संस्थाओं के संचालक, और साथ ही उनके परिवारों के सदस्य भी शामिल हैं।

राजकीय दूमा की सुरक्षा और भ्रष्टाचार विरोधी समिति की अध्यक्ष इरीना यरोवाया का कहना है कि ऐसा कानून बहुत पहले ही पारित किया जाना चाहिए था। यह कानून देश की सुरक्षा को मज़बूत बनाने के लिए एक बहुत ही ज़रूरी दस्तावेज़ है। इरीना यरोवाया के शब्दों में-

यह बात बहुत स्पष्ट है कि जो लोग देश का शासन चलाते हैं उनके बारे में जनता को पूरी पूरी जानकारी होनी चाहिए। उनके हित अपने देश यानी रूसी संघ के अंदर ही सुरक्षित हो सकते हैं। उनकी कार्य-गतिविधियों में इस बात का तनिक संकेत नहीं होना चाहिए कि वे दूसरे देशों के हितों के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए, राष्ट्रपति के द्वारा प्रस्तुत बिल में जो बातें दर्ज हैं उनका संबंध रूस के राष्ट्रीय हितों के संरक्षण से ही है। हमारे लिए यह बात बहुत महत्वपूर्ण है कि रूस के नागरिकों को आज के सरकारी अधिकारियों पर भरोसा होना चाहिए। उन्हें आश्वस्त होना चाहिए कि सरकारी अधिकारियों के द्वारा अपनी कार्य-गतिविधियां रूस देश और उसके नागरिकों के लाभ के लिए ही की जा सकती हैं।

रूस के वरिष्ठ अधिकारियों को विदेशी बैंकों में अपने खाते बंद करने और वहाँ से सारा धन रूसी बैंकों में जमा कराने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा। अगर वे इन तीन महीनों में ऐसा नहीं कर पाएंगे तो उनके विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्हें उनके पदों से बर्खास्त भी किया जा सकेगा। वर्ष 2012 के अंत में राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन द्वारा संघीय सभा के नाम एक संदेश में भी विदेशों में रूसी सरकारी अधिकारियों की वित्तीय गतिविधियों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता पर बल दिया गया था। उस संदेश में कहा गया था कि अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक सेवा करनी चाहता है तो उसे ऐसे प्रतिबंधों के लिए तैयार रहना चाहिए।

पिछले हफ्ते करवाए गए एक जनमत सर्वेक्षण के अनुसार, रूस के नवासी प्रतिशत नागरिक विदेशों में रूस के सरकारी अधिकारियों के बैंक खाते बंद करने की पहल का समर्थन करते हैं। वे यह सवाल पूछते हैं कि देश का धन विदेशी बैंकों में क्यों रखा जाता है। वे समझते हैं कि सरकारी अधिकारियों को सबसे पहले अपने देश के हितों को ध्यान में रखना चाहिए और विदेशों में अपने बैंक खाते नहीं खोलने चाहिए और न ही विदेशी कंपनियों के बांड और शेयर आदि ख़रीदने चाहिएँ।


रूसी अधिकारियों के विदेशी बैंक खाते बंद होंगे


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