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Tuesday, August 22, 2023

सीपीआई के शिष्टमंडल ने मणिपुर के लोगों से की मुलाकातें

बच्चों और महिलाओं को बंधाया ढांढ़स 


लुधियाना: 22 अगस्त 2023: (कार्तिका सिंह//कामरेड स्क्रीन डेस्क)::

देश, समाज और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के लिए अब तक जितना सार्थक काम कम्युनिस्ट पार्टियों से जुड़े लोगों ने किया है शायद किसी ने नहीं किया। इस पर भी यह कि वाम नेताओं, वक्ताओं ने कभी इसका शोर भी नहीं मचाया। चुपचाप अनुशासित पार्टी वर्करों की तरह काम करते रहे। मीडिया किस की गोद में आता जाता रहा इसकी चिंता भी कभी की। 

कम्युनिस्ट पार्टियां लम्बे संघर्षों  गुज़री हैं। इन दलों के नेता लोग कभी महात्मा गांधी जी से प्रेरणा ले कर आज़ादी के आंदोलन में कूद पड़े थे। फिर लेनिन और मार्क्स के विचारों से प्रभावित हुए तो पार्टी में शामिल हुए। गोडसेवादियों के खिलाफ कल भी थे और आज भी हैं। 

अपने अच्छे खासे अमीर घरों के हर सुख आराम का त्याग करके वाम से जुड़े जन जीवन को बड़े सौहार्द से अपनाया। केवल 20/30 रुपए महीना का खर्चा ही पार्टी दे पाती थी जिसे फूल टाईमर की वेज भी समझा जा सकता है। उसी में सालों साल गुज़ारे किए। अमृतसर में कामरेड सतपाल डांग के निकट सहयोगी साथी कामरेड प्रदुमन सिंह बताया करते थे कि उन्हें पार्टी से केवल 30/- रुपए महीना मिला करते थे। उसमें साधारण से कवाटर का महीने का किराया, सुबह की चाय और नामात्र का नाश्ता, एक वक्त की रोटी, एक वकत का फाका, फिर एक बार शाम की चाय और अख़बार का बिल इत्यादि सब कुछ खर्च कर के भी दो ढाई रुपए बच जाया करते थे। उन्होंने अपनी उम्र का तकरीबन बड़ा हिस्सा साईकल पर सफर कर के ही गुज़ारा। लेकिन जब पंजाब में सम्प्रदायिक आग लगी तो कामरेड सतपाल डांग और कामरेड प्रदुमन सिंह अपने साथियों सहित सबसे आगे रहे।  जब भी देश और दुनिया के लिए खतरों से खेलने का वक्त आया तो कामरेड कभी पीछे नहीं रहे। 

इसी तरह जब जब भी देश में संकट की स्थिति बनी तो यह लोग पार्टी के आदेश को मान कर सबसे आगे रहे। अब वे लोग इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन पार्टी के जज़्बात वही हैं। मणिपुर में आग लगी तो पार्टी का विशेष शिष्टमंडल मणिपुर में भी पहुंच गया। 

मणिपुर में सीपीआई प्रतिनिधिमंडल ने आज चुराचांदपुर और मोइरांग में विभिन्न राहत शिविरों का दौरा किया और हिंसा पीड़ितों से बातचीत की। जानमाल का नुकसान, संपत्ति का विनाश और विस्थापन दिल दहला देने वाला है। सीपीआई प्रतिनिधिमंडल ने राहत शिविरों में रहने को मजबूर लोगों की शिकायतें सुनीं और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वालों में सीपीआई महासचिव डी. राजा प्रमुख रहे। इसमें सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव बिनॉय विश्वम सांसद, के. नारायण, राम कृष्ण पांडा और वरिष्ठ महिला नेता असोमी गोगोई शामिल हुए। इस शिष्टमंडल ने मणिपुर के आम लोगों से जा कर मुलाकातें की। आतंक और सहम के माहौल को तोड़ते हुए आम लोगों को ढांढ़स बंधाया कि हम आपके साथ हैं। आप अकेले नहीं हो। वहां पीड़ित लोगों के बच्चों को गॉड में उठा कर एक तरह से एलान किया कि इतने भयानक खून खराबे के बावजूद हम भयभीत नहीं  हैं ,हमारी गॉड में उठाए हुए बच्चे आज भी हमारा भविष्य हैं। हम अन्याय और अत्याचार के पीछे छिपे चेहरों को पहचानते हैं और समय आने पर इन सभी से हिसाब भी लिया जाएगा। 

सीपीआई शिष्ठ्मंडल ने महिलाओं से भी भेंट की और कहाँ कि घबराने की ज़रा भी ज़रूरत नहीं। देश सुर दुनिया एकजुट हो कर आपके साथ खड़ा है। इन तस्वीरों को हम  तक पहुंचाया पंजाब के जानेमाने सक्रिय भाकपा नेता कामरेड जगजीत सिंह जोगा ने। 

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Friday, July 28, 2023

सीपीआई नेता कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर मणिपुर हिंसा के खिलाफ उतरे

शनिवार 28 जुलाई 2023 15:26 व्हाट्सएप से मिली 

हिंसा तुरंत रुके//मणिपुर सरकार तुरंत बर्खास्त हो-बंत सिंह बराड़  


मोहाली
: 28 जुलाई 2023: (कार्तिका सिंह//कॉमरेड स्क्रीन)::
 

मणिपुर में हुई हिंसक घटनाओं से जहां पूरा देश चिंतित है वहीं पूरी दुनिया की निगाहें इस मामले पर टिकी हुई हैं। भारत की जिस महानता और नारी सम्मान पर हम सभी को गर्व था उस सब को इन वारदातों की खबरों ने मिटटी में मिला दिया है। नवंबर-84 तीन दिनों तक चला था लेकिन मणिपुर का सिलसिला मई महीने से जारी है। इन हिंसक घटनाओं के लिए ज़िम्मेदार तत्वों के ख़िलाफ़ लेखकों, कलाकारों और ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ राजनीतिक नेता भी मैदान में हैं। इस विरोध प्रदर्शन के लिए सीपीआई के सीनियर और जुझारू नेता बंत सिंह बराड़ अपने साथियों के साथ सड़कों पर उतर आए हैं। इस विरोध अभियान को जारी रखते हुए आज मोहाली के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के सामने भी जोरदार विरोध और गुस्सा जताया गया। साथी राजकुमार और अन्य नेता भी अपने साथियों के साथ पहुंचे हुए थे। खराब मौसम के बावजूद सीपीआई के साथियों ने इस ज़ुल्म के खिलाफ आवाज उठाई। 

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) जिला परिषद, चंडीगढ़ और मोहाली द्वारा मणिपुर में महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ मोहाली में डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें कई ट्रेड यूनियन सदस्य, महिला संगठन, लेखक, बुद्धिजीवी, छात्र और बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। 

इस प्रोटेस्ट के दौरान साथी देवी दयाल शर्मा, राज कुमार, विनोद चुघ, बृज मोहन, गुरनाम सिंह, जतिंदरपाल सिंह, करम सिंह वकील, महिंदरपाल सिंह, शिक्षक नेता रणजीत कौर, सुरजीत कौर कालरा, अमन भोगल, मंजीत कौर मीत, सुखपाल हुंदल, प्रीतम सिंह हुंदल, बलकार सिद्धू, दिलदार, प्रिंस शर्मा, कमलजीत सिंह, बलजीत सिंह, गुरदयाल सिंह, गुरुमीत सिंह और भूपिंदर सिंह ने भी संबोधित किया। 

इन वक्ताओं ने मणिपुर में अल्पसंख्यकों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की। सीपीआई के राज्य सचिव साथी बंत बराड़ ने कहा कि मणिपुर सरकार दंगों और असुरक्षा को नियंत्रित करने में बुरी तरह विफल रही है और इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। अत: इसे भंग कर के तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। शांति बहाल करने और सांप्रदायिक सद्भाव को तुरंतआम की तरह शांत करके अल्पसंख्यकों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस जनविरोधी सरकार को हटाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। 

इस पूरे घटनाक्रम पर गंभीर आरोप लगाते हुए भाकपा नेताओं ने कहा कि डबल इंजन वाली यह सरकार जानबूझकर सांप्रदायिक दंगा फैला रही है। पहले गुजरात को नुकसान हुआ और अब मणिपुर जल रहा है। कल पता नहीं किस राज्य का शांति कानून इस सांप्रदायिक आग में जलेगा? 

उन्होंने देश के लोगों से जागरूक होने और जनता की दो ताकतों को पहचानने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पंजाब की भगवंत मान सरकार को भी तुरंत बाढ़ प्रभावित पंजाबियों का साथ देना चाहिए और बाढ़ प्रभावित पंजाबियों को उचित और उचित मुआवजा देना चाहिए। अंत में आये हुए साथियों का धन्यवाद किया गया तथा मंच संचालन करम सिंह वकील ने अपनी साहित्यिक शैली में किया।

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