Wednesday, December 27, 2023

लुधियाना में 31 को फिर से गूंजेगी इजरायली हमलों के खिलाफ नारेबाज़ी

 बुधवार 27 दिसंबर 2023 को सुबह 10:53 बजे               27th December  2023 at 10:53 AM 

फिलिस्तीन को कब्रिस्तान में बदलता नापाक युद्ध अपराध जारी:लेफ्ट 


लुधियाना
: 27 दिसंबर, 2023: (कार्तिका कल्याणी सिंह//कॉमरेड स्क्रीन डेस्क)::

फिलिस्तीन के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई लंबे समय से चर्चा का विषय बनी हुई है। इजरायली सैनिक और अन्य घातक दस्ते लगातार फिलिस्तीनी बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं और यहां तक कि लेखकों और पत्रकारों को भी निशाना बना रहे हैं। इस बर्बरता के खिलाफ दुनिया भर में रोष व्याप्त है। सच्चे हिंदोस्तानी सत्य-प्रेमी और मानवीय संवेदना का अहसास दिलाते हुए इस युद्ध अपराध का तीखा विरोध कर रहे हैं। 

यद्यपि वर्तमान संकटों की इस नाज़ुक स्थिति वाले हालात में भी वामपंथी एक नहीं हैं लेकिन फिर भी उनके कुछ संयुक्त एक्शन और हैं जो अभी भी उम्मीद जगा  रहे हैं कि यह एकता वक़्त की  महत्वपूर्ण ज़रूरत है और अभी भी संभव है। इस आश्य की घोषणा का इंतज़ार बहुत ही शिद्दत और बेसब्री से वाम का वह सारा केडर कर रहा है जिसने वाम के साथ अपनी पूरी उम्र लगा दी है। इस केंद्र ने हमेशां सच्चे मन से वामपंथियों के विचारों को स्वीकार किया है लेकिन एकता की कमी के चलते निराशा भी पैदा होने लगी है। 

इस तरह के हालात में पंजाब के सात वामपंथी क्रांतिकारी दलों और संगठनों ने एक बार फिर स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी आवाज उठाई है। इजरायल के बर्बर हमलों के खिलाफ वामपंथी फिर से मैदान पर हैं। अब 31 दिसंबर को लुधियाना में एक मजबूत विरोध प्रदर्शन हो रहा है। सात वामपंथी क्रांतिकारी दलों और पंजाब के बंदियों द्वारा महत्वपूर्ण घोषणाएं 

देश के वामपंथी अभी भी दुनिया भर में चल रही घटनाओं से पूरी तरह अवगत हैं। विश्व मंच पर फाशीवादी हमलों के खिलाफ, इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी लोगों की हत्या के खिलाफ, राज्य भर में बढ़ते  फाशीवादी रुझान के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सक्रिय लेफ्ट ने  अब फिर संघर्ष तेज़ करने का आह्वान दिया है।  इसके जवाब में लुधियाना की पंजाबी इमारत में आज एक विशेष बैठक भी योजित की गई। 

आज, सीपीआई, आरएमपीआई, मुक्ती संग्राम लेबर फोरम और रिवोल्यूशनरी सेंटर पंजाब सहित लुधियाना जिले के वाम और जमुहरी दल और संगठन, डॉ। अरुण मित्रा की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें एक रैली आयोजित करने और विरोध करने का निर्णय लिया गया। यह विरोध इस मामले में भी काफी हद तक जनता की सार्वजनिक चेतना को बढ़ाएगा। 

वामपंथियों के नेताओं ने बैठक के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले ढाई महीनों से फिलिस्तीन एक कब्रिस्तान की तरह बना दिया गया है।  'इजरायल अपने ही देश से फिलिस्तीनियों पर हमला कर रहा है जिसके खिलाफ दुनिया भर के फिलिस्तीनियों के हक़ में आवाज उठाई जा रही है। वाम का भी कहना है कि इजरायल द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ की शह पर ही फिलस्तीनियों पर हमला किया जा रहा है। निरंतर बमबारी के साथ साथ बहुत से अन्य युद्ध अपराध भी किए जा रहे हैं।  

इन नेताओं ने कहा कि इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ और दुनिया भर के मजबूत विरोध को देख कर भी अपनी आंखें मूंद ली हैं, को युद्ध अपराधी घोषित किया जाना चाहिए। इजरायल के लिए मोदी के समर्थन भाव  की भी कड़ी निंदा की गई है। 

रैली की घोषणा रविवार, 31 दिसंबर को भी की गई 

बैठक के बाद प्रेस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, रविवार 31 दिसंबर को सुबह 11 बजे शहीद कार्त सिंह सरभा पार्क, भाई बाला चौक में रैली आयोजित की जाएगी। इसमें विभिन्न दलों के नेता फासीवाद के खिलाफ और फिलिस्तीन के पक्ष में अपने विचार व्यक्त करेंगे। उसके बाद मार्च आयोजित किया जाएगा। 

इस प्रेस विज्ञप्ति ने सभी लोकतान्त्रिक और न्याय-प्रेमी संगठनों व लोगों से इस विरोध में शामिल होने की अपील की है। इस रैली व  मार्च की सफलता के लिए पार्टियां व्यक्तिगत तौर पर भी सक्रिय हैं।

इस मीटिंग में कॉमरेड डीपी मौड़, प्रोफेसर जयपाल सिंह, लखविंदर सिंह, सुरिंदर सिंह, डॉ.अरुण मित्रा, कॉमरेड परमजीत सिंह, गगनदीप कौर, सतनाम सिंह, एमएस भाटिया, जगदीश चंद, डॉ. गुलज़ार पंधेर, रघबीर सिंह बेनीपाल, चरण सिंह सराभा, बुलकौर सिंह गिल और डॉ. बलविंदर सिंह भी उपस्थित थे।

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