Mon, Oct 7, 2013 at 5:30 PM
श्रम विभाग पर रोषपूर्ण प्रदर्शन:चौथे दिन भी नहीं हुआ कोई फैसला
लुधियाना:07 अक्टूबर 2013: (*विश्वनाथ//पंजाब स्क्रीन ब्यूरो): हाथों में लाल झंडा और बंद मुठियों की बाँहों में जोश भरा उत्साह। सब कदम से कदम मिला कर चल रहे थे जंग थी अधिकारों की--और टक्कर थी मजदूर विरोधी सिस्टम के साथ जो अभी भी जारी है---जुबां पे वही प्राचीन नारा था-
हर जोर ज़ुल्म की टक्कर में हड़ताल हमारा नारा है
आज हड़ताली टेक्सटाइल मजदरों ने श्रम विभाग कार्यालय पर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया। श्रम विभाग ने मजदूरों और मालिकों को आज की तारीख पर श्रम कार्यालय बुलाया था। लेकिन वहाँ न मालिक मिले न श्रम अधिकारी। समझौतों और अवसरवादिता के रिवाजों में दब कर दम तोड़ चूका संघर्ष एक बार फिर पुनर्जीवित होता लग रहा था। टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविन्दर ने बताया कि मालिकों के साथ साथ श्रम अधिकारियों द्वारा अपनाए जा रहे यह मजदूर विरोधी रवैया मजदूरों को कतई झुका नहीं पाएगा बल्कि इससे मजदूरों में रोष को और भी बढ़ गया है। मजदूर अपने अधिकार हासिल करके ही काम पर लौंटेंगे भले ही उन्हें कितनी भी लम्बी हड़ताल क्यों न लडऩी पड़े।
इस समय 36 कारखानों के मजदूर टेक्सटाइल हौजरी कामगार यूनियन के नेतृत्व में हड़ताल पर हैं। 40 कारखानों में पहले ही 15 प्रतिशत वेतन/पीस रेट वृद्धि और 8.33 प्रतिशत सालाना बोनस की माँग पर समझौता हो चुका है। लेकिन 36 कारखानों के मालिक मजदूरों को उनके कानूनी अधिकार देने को तैयार नहीं हैं।
श्रम विभाग कार्यालय पर हुए प्रदर्शन में कई अन्य संगठनों के नेताओं ने समर्थन जाहिर किया। प्रर्दशन को टेक्सटाइल हौजरी कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविन्दर, कारखाना मजदूर यूनियन के संयोजक लखविन्दर, मोल्डर एण्ड स्टील वर्कज यूनियन के हरजिन्दर सिंह, इंटक के उपाअध्यक्ष सबरजीत सिंह सरहाली व टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन के समिति सदस्यों विश्वनाथ, प्रेमनाथ, गोपाल आदि ने सम्बोधित किया। सभी मजदूरों ने जोशीले नारों के साथ यह ऐलान किया कि उनकी लड़ाई हक हासिल होने तक जारी रहेगी।
*विश्वनाथ टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन, पंजाब (रजि.) के सचिव हैं
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