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Sunday, January 26, 2020

सी ए ए के खिलाफ जनाक्रोश में तेज़ी जारी

Sunday: 26th January 2020 at 21:36: Whats App 
जन संघर्ष मंच हरियाणा ने किया कैथल में विशेष आयोजन
कैथल: 26 जनवरी 2020:  (कामरेड स्क्रीन ब्यूरो):: 
        सीएए के खिलाफ जनता का जोशो खरोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी संबंध में आज कैथल में भी संविधान और लोकतंत्र बचाओ अभियान की धूम रही। प्रदर्शन में लोगों का जोश था। महिलाओं ने भी इन प्रदर्शनों के आयोजनों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। 
       आज  71वें  गणतंत्र दिवस के मौके पर मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान के आह्वान पर स्थानीय जवाहर पार्क में जन संघर्ष मंच हरियाणा द्वारा 'छिनते जनवादी अधिकार, फासीवादी हमला तथा मजदूर वर्ग' विषय पर एक मज़दूर सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता जन संघर्ष मंच हरियाणा के प्रांतीय प्रधान कॉमरेड फूल सिंह ने की। मंच संचालन  जिला प्रधान कॉमरेड संसार चंद्र ने किया।सभा के बाद शहर में प्रदर्शन किया गया। आज के इस सारे आयोजन का विवरण कामरेड सोमनाथ ने जारी किया जो कि  जन संघर्ष मंच हरियाणा  हैं। 
       सभा की अध्यक्षता कर रहे कॉमरेड फूल सिंह ने कहा कि मोदी सरकार  भारतीय संविधान में दिये गए जनवादी अधिकारों पर लगातार हमले कर रही है, मज़दूरों के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है, पूंजीपतियों के हित में श्रम कानूनों में मज़दूर विरोधी  बदलाव किये जा रहे हैं। सरकार सीएए, एनआरसी, एनपीआर जैसे काले कानून बनाकर लोगों का ध्यान भटका रही है। लोगों को धर्म के नाम पर बाँटा जा रहा है।उन्होंने कहा कि जन संघर्ष मंच हरियाणा श्रम कानूनों में मज़दूर विरोधी बदलाव रदद् किये जाने, सभी बेरोजगारों को रोजगार दिए जाने, सीएए, एनआरसी एनपीआर जैसे काले कानूनों को रद्द करवाए जाने तक  पूरे प्रदेश में संघर्ष जारी रखेगा। इसके अलावा मेहनतकश जनता का भाईचारा बनाये रखने में अपनी महती भूमिका अदा करेगा। उन्होंने दिल्ली के शाहीन बाग और देश के विभिन्न स्थानों पर काले कानून सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ दिन रात धरना प्रदर्शन कर रही महिलाओं को सलाम पेश किया।
निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन के प्रधान करनैल सिंह ने कहा कि मोदी सरकार को डर है कि अगर मज़दूर-मेहनतकश जनता एकजुट हो गई तो वह अपने जनवादी  अधिकारों  की मांग करेगी और उनके फासीवादी  एजेंडे  को  फेल कर देगी।इसलिए वह जनता को हिन्दू मुसलमान के नाम पर लड़वाने में लगी हुई है। 
         मनरेगा मजदूर यूनियन के नेता कॉमरेड पाल सिंह ने कहा कि वर्तमान जनतंत्र पूंजीवादी जनतंत्र है , वित्तीय पूंजी का राज है और यहाँ श्रम का शोषण है।आज मजदूर वर्ग के अधिकार लगातार छीनते जा रहे हैं और जनता की आवाज को दबाने के लिए मोदी  सरकार का फासीवादी हमला जारी है । सरकार की नीतियों का विरोध करने वाले को देशद्रोही की संज्ञा दी जा रही है। आज मोदी सरकार जनता को शिक्षा ,स्वास्थ्य रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाएं देने की बजाय अपने हिंदुत्ववादी एजेंडे को थोपना चाहती है। उन्होंने कहा कि मजदूरों-मेहनतकशों को वर्ग संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए एकजुट होकर पूंजीवादी तानाशाही के खिलाफ संघर्ष तेज़ करना होगा व फ़ासीवादी हमले को मुंह तोड़ जवाब देना होगा।
मजदूर सहयोग केंद्र के प्रधान ने कहा कि आज गणतंत्र दिवस पर सत्ता में बैठे लोग एक तरफ तो जनवादी अधिकारों का जश्न मनाते हैं और दूसरी तरफ जनता  के व्यापक विरोध के बावजूद  सीएए जैसे कानून से एक इंच भी पीछे ना हटने की बात कर रहे  हैं। उन्होंने कहा कि मज़दूर वर्ग के पूर्वजों ने 8 घंटे का कार्य दिवस, यूनियन बनाने जैसे अधिकार अपना खून बहा कर प्राप्त किए थे । आज उन मौलिक अधिकारों पर हमला है आज कार्य दिवस 9 घंटे का किया जा रहा है और उसको 16 घंटे तक बढ़ाया जा सकता है।उन्होंने कहा कि मज़दूर अधिकारों पर फ़ासीवादी हमले बर्दाश्त नहीं किये जा सकते, इनके खिलाफ व्यापक जन संघर्ष तेज़ किया जाएगा।
     एसओएसडी संयोजिका कविता विद्रोही ने कहा कि सीएए का कानून भारत के संविधान के धर्मनिरपेक्ष ढांचे के खिलाफ है। यह कानून लोगों को हिंदू मुसलमान के नाम पर बांटने की साजिश है और यह कानून न सिर्फ मुसलमानों के बल्कि दलितों, महिलाओं, गरीबों, आदिवासियों के खिलाफ है, इसे सरकार तुरंत रदद् करे।
       जन कल्याण समिति के प्रधान सुरेश टांक ने कहा कि आज सरकार संविधान को तोड़ मरोड़ कर मनुस्मृति में बदलना चाहती है लेकिन देश की जनता ऐसा नही होने देगी।मज़दूर सभा को मनरेगा जिला प्रधान जोगिंदर सिंह, मंच महासचिव सुदेश कुमारी, जिला सचिव चंद्र रेखा, नरेश कुमार, कर्मजीत कौर, सफाई कर्मचारी नेता बसाउ राम आदि ने भी सम्बोधित किया।

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