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Wednesday, November 25, 2020

लुधियाना के मज़दूर-नौजवान संगठनों का समराला चौक पर रोष प्रदर्शन कल

25th November 2020 at 10:42 AM

 मोदी सरकार की मज़दूर-मेहनतकश विरोधी नीतियों के खिलाफ़ अभियान तेज़ 

लुधियाना: 25 नवंबर 2020:(कामरेड स्क्रीन ब्यूरो)::

कल (26 नवंबर) देश भर में मज़दूरों के संगठन मोदी सरकार की देशी-विदेशी पूँजीपतियों के पक्ष में जोर-शोर से लागू की रहीं मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ़ सड़कों पर उतर रहे हैं। इसी दिन किसानों के संगठन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए दिल्ली कूच कर रहे हैं। नौजवानों-छात्रौं व अन्य तबकों को संगठनों ने भी देश भर के मज़दूरों-मेहनतकशों की आवाज़ में आवाज मिलाने का ऐलान किया है। कारखाना मज़दूर यूनियन, इंकलाबी मज़दूर केंद्र, मोल्डर एंड स्टील वर्कर्ज यूनियन, नौजवान भारत सभा, टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन, लोक एकता संगठन, जमहूरी अधिकार सभा द्वारा लुधियाना के समराला चौक पर 1 से 3 बजे तक संयुक्त रोष प्रदर्शन करके मज़दूर-मेहनतकशों को अधिकारों के लिए आवाज़ बुलंद की जाएगी।
गौरतलब है कि 26 नवंबर को बहुत से संगठन मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने अपने स्टेशनों पर भी रोष प्रदर्शन कर रहे हैं और किसानों के दिल्ली चलो कार्यक्रम में भी सक्रिय हैं। किसानों के साथ मज़दूरों का यह सहयोग संघर्षों की दुनिया में एक नया इतिहास रच रहा है। लॉक डाउन में मज़दूरों का विशाल पलायन भी बहुत बड़ी घटना थी जिसे पारम्परिक मीडिया ने उस तरह नहीं उठाया जिस तरह उठाना चाहिए था। 
उस पलायन के बाद अब संघर्षों के मैदान मैं मज़दूरों का किसानों के साथ कंधे से कंधा मिला कर डट जाना भी एक नया इतिहास रच रहा है।        
26 के रोष प्रदर्शन के बारे में प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कारखाना मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष लखविंदर सिंह और इंकलाबी मज़दूर केंद्र के नेता सुरिंदर सिंह ने कहा है कि मोदी सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों के कारण मज़दूरों को भयानक मुसीबतें झेलनी पड़ रही हैं। उनके पास सड़कों पर उतर कर संघर्ष करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा। उन्होंने कहा कि 26 को रोष प्रदर्शन के ज़रिए उनके संगठन मज़दूरों की कम से कम तनख्वाह 25 हज़ार करने, कोरोना के बहाने तनख्वाह में नाजायज कटौती रद्द करने, श्रम क़ानूनों में संशोधन रद्द करने, मज़दूर-मेहनतकश विरोधी नये कृषि क़ानून रद्द करने, सरकारी संस्थाओं-सुविधाओं का नीजिकरण बंद करने, बेरोजगारों को रोजगार देने, सब को मुफ़्त खुराक, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ज़ोरदार तरीके से मांग करेंगे। संगठनों की माँग है कि सरकार उदारीकरण-निजीकरण-संसारीकरण की समूची नीति रद्द करे। इसके साथ ही कृषि क़ानूनों विरोधी जनांदोलन को कुचलने के लिए पंजाब में की गई आर्थिक नाकाबंदी बंद करने, राज्यों के हक बहाल करने, राष्ट्रों का दमन बंद करने, खुदमुख्त्यारी देने की मांग ज़ोरदार ढंग से उठाई जाएगी। सी.ए.ए., एन.पी.आर., एन.आर.सी. रद्द करने, जनवादी अधिकारों के लिए जूझने वाले कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों की रिहाई के लिए ज़ोरदार अवाज बुलंद की जाएगी।

          इन सभी जननेताओं ने तमाम मज़दूरों, मेहनतकशों, नौजवानों व अन्य इंसाफपसंद लोगों को 26 नवंबर को रोष प्रदर्शनों में बड़ी से बड़ी संख्या में शामिल होने का आह्वान किया है।

इस प्रेस विज्ञप्ति को जारी किया कारखाना मज़दूर यूनियन, पंजाब के अध्यक्ष लखविंदर सिंह और इंकलाबी मज़दूर केंद्र, पंजाब के सुरिंदर सिंह ने। 


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