Pages

Saturday, August 8, 2020

अमृतसर में भी नज़र आया भारत बचाओ का दर्द और जोश

Saturday: 8th August 2020 at 16:29 via Whats App
 कामरेड आसल और मिश्रा ने दिखलाई आज की भयानक तस्वीर  
अमृतसर:08 अगस्त 2020: (कामरेड स्क्रीन ब्यूरो):: 
9 अगस्त 1942 का दिन एक यादगारी दिन जब पूरा भारत गूँज उठा था-अंग्रेज़ो भारत छोड़ो। हर तरफ यही नारा लग रहा था-अंग्रेज़ो भारत छोड़ो। जोशो खरोश के उस दौर में देश भक्ति का एक जनून सा छाया हुआ था और कोई नहीं जानता था कि 78 वर्षों बाद फिर इसी जनून की ज़रूरत पड़ेगी क्यूंकि अंग्रेज़ों से छुड़वाई गई सत्ता पर ऐसे लोग काब्ज हो जायेंगे जो देश की हर चीज़ निजी हाथों में बेचने लगेंगे और मज़दूरों के हितों और अधिकारों को दमन से कुचल डालेंगे। अँग्रेज तो विदेशी थे लेकिन इनको क्या कहा जाये जो स्वदेशी की आड़ में अंग्रेज़ों से भी खतरनाक निकले। हालात 9 अगस्त 1942 इ कहीं ज़्यादा नाज़ुक बन चुकी है। ऐसे में देश के केंद्रीय मज़दूर संगठनों ने नारा दिया है भारत बचाओ। इस नारे की गूँज के लिए दिन वही चुना गया है अगस्त तांकि हालात की नाज़ुकता को हर दिल तक प्रेषित किया जा सके। केंद्रीय मज़दूर संगठनों ने देशव्यापी सत्याग्रह का आवाहन किया है। देश के विभिन्न भागों में लॉक डाउन होने के कारण कुछ जगहों पर आठ अगस्त को रोष प्रदर्शन हुए ार कुछ जगहों पर 10 अगस्त को ऐसे आयोजन होंगें।  बहुत से जोशीले संगठनों ने तो लॉक डाउन का स्पष्ट उलंघन करते हुए अगस्त को ही प्रदर्शन की ठानी है। 
इसी सिलसिले में अमृतसर के मज़दूर बहुत बड़ी संख्या में गोलबाग में एकत्र हुए। एटक के साथ साथ, इंटक, सी.टी.यू. हिन्द मज़दूर सभा जैसे बड़े मज़दूर संगठन बढ़ चढ़ कर शामिल हुए। 
पंजाब एटक की तरफ से कामरेड अमरजीत सिंह आसल, सीटीयू के प्रधान कामरेड विजय मिश्रा, इंटक की तरफ से कामरेड बिट्टू सक्रिय रहे। महिलाओं में से कामरेड दसविन्दर कौर हर बार की तरह इस बार भी सबसे आगे रही। कामरेड कुलवंत कौर ने भी जोशी खरोश दिखाया। कामरेड ब्रह्मदेव शर्मा, कामरेड जगतार सिंह, कामरेड विजय कपूर, देकर बलविंदर सिंह, कामरेड कवलजीत सिंह, डाक्टर बलविंदर सिंह और कई अन्य साथियों का जोश और जनून भी देखने वाला था। आजकल जिस तरह सत्ता दमन की साज़िशें रच रही है उस दौर में इस जनून और जोश की खास अहमियत है। यही जज़्बात लाएंगे इंकलाब को और नज़दीक। 
मज़दूरों के अधिकारों पर हो रहे हमलों को बारी बरी से बेनकाब किया गया। उनके वेतन कम किये जा रहे हैं और ौंके काम के घंटे बढ़ाये जा रहे हैं। श्रमिकों को इंसान नहीं बल्कि पूंजीपतियों की फ़ैक्टरिओं का एक पुर्ज़ा मात्र समझा जा रहा है। उनकी की जान की कोई कीमत नहीं रही। उन्हें भेड बकरियां समझने का गुनाह किया जा रहा है। इस सारे अन्याय को लेकर व्याप्त रोष आज के प्रदर्शनों में खुल कर नज़र आया। मांग की गई कि प्रॉपर्टी टेक्स का पांच फीसदी हिस्सा घरेलू मज़दूरों के भलाई फंड में जमा किया जाये। गौरतलब है की घरेलू मज़दूरों के उत्थान के लिए कामरेड दसविन्दर कौर बहुत लम्बे समय सक्रिय है। इसी मकसद के लिए मुम्बई से कामरेड बबली रावत भी अमृतसर में आ क्र ऐतिहासिक रैलियां कर चुकी हैं। लॉक डाउन के समय वेतन अभी तक नहीं मिले हैं। उनकी अदायगी पर भी ज़ोर दिया गया। मनरेगा मज़दूरों की दिहाड़ी कम से कम 600/- रूपये करने पर भी ज़ोर दिया गया। आज के इन रोष प्रदर्शनों में मज़दूरों के साथ साथ देश की उस हालत को भी दिखाया गया जिसे मन की बात करने वाले अक्सर ही छुपा जाते हैं। मज़दूर के मन की बात को न खुद सुनते हैं और न ही दूसरों को सुनने देते हैं। मज़दूर नेताओं ने आज धड़ल्ले से की मज़दूरों के मन की बात। आंगनवाड़ी वर्करों ने भी आज के इस रोष प्रदर्शन में ज़ोरदार शमूलियत की। आशा वर्करों, मिड दे मील वर्करों और चौकीदारी करने वाले वास्तविक चौकीदारों ने भी आज बताया की आज देश को फिर लूटा जा रहा है।   बिजली बिल-2020 की भी विस्तृत चर्चा हुई। कामरेड कृपाल सिंह, कामरेड सुखवंत सिंह, कामरेड बलदेव सिंह वेरका, कामरेड मोहन लाल, सुश्री अकविन्द्र कौर, सुलक्खन सिख, गुरजिंदर सिंह, कवलजीत, राजिंदर, शौकत मसीह, परमजीत कौर, कुलविंदर सिंह साईं, जोगिंदर लाल और दिलबाग सिंह सहित बहुत से स्थानीय मज़दूर नेता भी आज फिर से सक्रिय नज़र आये। 
इस तरह के आयोजन अभी नए नए रूप लेकर आगे भी चलेंगे। बदलाव के इस आवश्यक अभियान में अगर आप भी शामिल होना चाहते हैं तो आप कामरेड अमरजीत सिंह आसल के साथ सम्पर्क कर सकते हैं उनके मोबाईल नंबर 98142-62561 पर। 

No comments:

Post a Comment