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Tuesday, December 10, 2019

8 जनवरी के बंद में रेल भी रोकी जाएगी और सड़क भी

लुधियाना में हुई कई किसान संगठनों की विशेष बैठक 
लुधियाना: 10 दिसंबर 2019: (कामरेड स्क्रीन ब्यूरो)::
आठ जनवरी 2020 के प्रस्तावित भारत बंद को ले कर करीब सभी परम्परिक वाम दलों के तकरीबन सभी संगठन सक्रिय हैं। गांवों में इस मकसद की सरगर्मियां बहुत तेज़ी से हो रही हैं। जहां एक तरफ पूंजीवादी शक्तियां गांवों को शहर जैसा बना कर उनका शहरीकरन करने में लगी हैं वहीँ वाम संगठन गांवों के मूल स्वरूप को बनाये रखने पर ध्यान दे रहे हैं। विकास के नाम गांवों में पहुंची आत्म हत्याओं की आंधी का गंभीर नोटिस लिया है वाम दलों ने। वाम दलों की शक्ति इस बार 8 जनवरी के प्रस्तावित भारत बंद में बहुत उभर कर सामने आने की सम्भावना है। पूंजीवादी नीतिओं के चलते जहां शहरों में जीना मुश्किल हो गया है वहीँ गांवों में रहने वाले लोग भी बहुत दुःख में हैं। जब किसान से 10 या 15 रूपये किलो में खरीदा गया प्याज 100 रूपये किलो से भी महंगा बिकता है तो किसान के जीवन का अनुमान लगाना कोई मुश्किल नहीं होना चाहिए। इंक़लाब के लिए जो हालात चाहिए थे वे तेज़ी से बनते जा रहे हैं। हर तरफ बेचैनी है। पुलिस के डंडे से इस रोष को कब तक दबाया जायेगा? इस रोष को दुनिया के सामने लाएगा आठ जनवरी का भारत बंद। 
    इस भारत बंद को सफल बनाने लिए एक विशेष बैठक लुधियाना में करनैल सिंह ईसडू भवन में हुई। यह भवन वास्तव में सीपीआई का ज़िला मुख्यालय ही है। यहां बने करीब तीन चार हाल कमरों में वाम दलों से सबंधित ट्रेड यूनियनों और अन्य संगठनों की बैठकें अक्सर होती रहती हैं। 
    आज की बैठक में एलान किया गया कि लुधियाना ज़िले के रायकोट और जगराओं में जहाँ सड़क-पर चलने वाले ट्रैफिक को जाम रखा जायेगा वहीँ रेल मार्ग भी बंद किया जायेगा। इस ट्रैफिक को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक बंद रखा जायेगा। सड़क और रेल रोको से सबंधित इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विशेष अभियान भी शुरू जा रहा है। इसके अंतर्गत 19 दिसंबर को गांव झोरड़ा से एक जत्था मार्च भी शुरू किया जायेगा। यह जथ्था तीन दिनों के अंदर इस सरे इलाके को कवर करके लोगों को इस बंद का मकसद बतलायेगा। 
इस के बाद गाँव भूंदड़ी में विशेष बैठक भी होगी। इस  के बाद 24  दिसंबर को गांव ग़ालिब कलां से एक जत्था मार्च शुरू होगा। यह जत्था भी इलाके के सभी गाँवों तक इस बंद का संदेश पहुंचाएगा।
इसके बाद खन्ना, दोराहा, समराला, किला रायपुर, पायल तहसीलों के सभी गांव भी कवर किये जायेंगे। इस इलाकों में शहरी क्षेत्र मज़दूर मुलाज़िम संगठन भी सक्रिय सहयोग देंगें। देहात के किसान संगठन भी इस अभियान में सक्रिय रहेंगे।
  आज की इस लुधियाना बैठक में जहाँ स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक फसलों के भाव, सरकारी खरीद की गारंटी, गांव की पंचायती ज़मीनें बेचने का विरोध, साथ वर्ष  आयु वालों को 10 हज़ार रूपये पेंशन देने की मांगें भी दोहराई गयीं। आवारा पशुओं आउट आवारा कुत्तों की समस्या का हल निकलने ी भी मांग की गयी। इस तरह कुल 19 मांगों का चार्टर आज की बैठक में चर्चा का विषय रहा। 
      लुधियाना में हुई आज की इस बैठक में कामरेड सुरिंदर सिंह जलालदीवाल, तरलोचन सिंह झोरड़ा, सुखदेव सिंह ग़ालिब कलां, रघबीर सिंह बैनीपाल, महिंद्र सिंह अचरवाल, गुरमेल सिंह रूंगी, बलदेव सिंह लताला,  जगरूप सिंह झोरड़ा, गुरचरण सिंह बाबेका, जलौर सिंह, राजिंदर सिंह असूवाल, अमरीक सिंह सहौली, मखन सिंह झोरड़ा इत्यादि ने अपने  रखे। पंजाब किसान सभा की तरफ से कामरेड बूटा सिंह ने इन मांगों पर अपनी सहमति देते हुए इस बंदा का समर्थन किया। 
 जो किसान संगठन इस बंद को बनाने के लिए दिनरात एक कर रहे हैं उनमें से कीर्ति किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन एकता (डकौंदा), आल इण्डिया किसान सभा (साम्भर), आल इण्डिया किसान सभा (दूसरी) और जम्हूरी किसान सभा शामिल रहीं। 
इस संबंध में और विवरण के लिए कामरेड तरलोचन सिंह झोरड़ा के साथ उन के मोबाईल नंबर: 9592676833 पर सम्पर्क किया जा सकता है। 



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