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Tuesday, April 2, 2019

"लोकवाणी" ने पूछा क्या कॉमरेड अजित याद हैं कन्हैया?

जिसे आपके नए साथी पप्पू यादव ने 80 गोलियां मरवाई थीं! 
Sachin Jha Shekhar Posted on March 31, 2019: लोकवाणी 
अजित सरकार याद हैं आपको? अजित सरकार CPIM के पूर्णिया से विधायक थे। जून 1998 में,पूर्णिया के खजांची हाट थाना क्षेत्र के काली फ्लावर मिल के पास अपराधियों ने AK47 से अजित सरकार पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। जिसमें उनकी मौत हो गई। गोलीबारी की इस घटना में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता अशफाकुल रहमान और ड्राइवर हरेन्द्र शर्मा की भी मौत हो गई थी।
कॉमरेड अजीत को लगभग 80 गोली लगी थी। गोली इतनी मारी गयी थी कि उनका शरीर का हिस्सा टूट कर जगह-जगह अलग हो गया था। अजीत सरकार के हत्याकांड में वर्तमान में अपने आप को जननेता और बात–बात में रोने वाले पप्पू यादव की संलिप्तता पायी गयी थी।
वर्ष 2009 में पटना की अदालत ने पप्पू को अजीत हत्याकांड का दोषी बताते हुए सजा सुनाया था। बाद में कांग्रेस की सरकार जब केंद्र में थी और पप्पू की पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस की संसद थी। तब CBI ऊपरी अदालत में सबूत नहीं पेश कर सकी और पप्पू यादव सजा से मुक्त हो गए।
अजित सरकार को पूर्णिया का रोबिन हुड कहा जाता था। व्यक्तिगत रूप से ईमानदार अजीत चुनाव लड़ने के लिए जनता से 1-1 रुपया चंदा लेते थे। 1 रुपया से अधिक वो किसी से नहीं लेते थे। उनका कहना होता था कि उन्हें इससे अनुमान चल जाता है कि कितने लोग उनके साथ हैं। अजित के अंतिम दर्शन के लिए पूर्णिया में अब तक की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ उमड़ी थी।
आज पप्पू यादव कोसी क्षेत्र में जैसी राजनीति करते हैं। वो राजनीति 2 दशक पूर्व अजित सरकार की मजबूती थी। पप्पू यादव उस समय पूर्णिया क्षेत्र में अपनी दबंगई के लिए ही सिर्फ जाने जाते थे।
अजीत सरकार का परिवार आज नैपथ्य की जिंदगी जी रहा है। अपनी परम्परा के अनुसार वामपंथियों ने अजीत के शहादत को भुला दिया। संसदीय राजनीति में अपने आप को बचाने के लिए। वामपंथी संगठन आज अजीत के कथित हत्यारे के साथ खड़े होने को भी तैयार रह रहे हैं। 
अजीत सरकार के हत्याकांड की कहानी दर्दनाक है, और उससे भी दर्दनाक और खौफनाक है जिंदा समाज का मुर्दा हो जाना।   (लोकवाणी से साभार)

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