किस तरह जिंदा हैं लोग....कैसे शर्मिंदा हैं लोग
पाँच हज़ार से अधिक लोगों के हस्ताक्षरों सहित सौपा जाएगा माँगपत्र
लुधियाना के फोकल प्वाइंट फेज़-4 में स्थित मज़दूरों की बस्ती राजीव गांधी कालोनी के लोगों ने बुरी रिहायशी हालतों के प्रति प्रशासन की बेरुख़ी से तंग आकर संघर्ष का रास्ता पकडऩे का ऐलान कर दिया है। राजीव गांधी कालोनी के लोग गलियों पक्की कराने, सीवरेज निकासी के उचित प्रबंध, साफ़-सफ़ाई, साफ़ पानी की नियमित सप्लाई, बिजली सम्बन्धित शिकायतों के निपटारे के उचित प्रबंध समेत अनेकों माँगों के लिए 15 अक्तूबर (सोमवार) को कारख़ाना मज़दूर यूनियन के नेतृत्व में डी.सी. दफ़्तर, लुधियाना पर सुबह 10 बजे धरना देकर रोष प्रदर्शन करेंगे और पाँच हज़ार से अधिक हस्ताक्षरों वाला माँग पत्र डी.सी. लुधियाना को सौंपा जायेगा। धरने की तैयारियाँ ज़ोर शोर के साथ चल रही हैं। एक पर्चा प्रकाशत किया गया है जो कारख़ाना मज़दूर यूनियन के कार्यकर्ता बस्ती में मज़दूरों के कमरे कमरे जा कर बाँट रहे हैं, उनसे माँग पत्र पर हस्ताक्षर करवा रहे हैं और धरने में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। माँग पत्र पर अब तक 4758 लोगों के हस्ताक्षर हो चुके हैं।
कारख़ाना मज़दूर यूनियन के संचालक लखविन्दर ने बताया कि गरीबी की जि़ंदगी काटने पर मजबूर इस कालोनी के निवासियों के रिहायशी हालातों की भयंकरता को शब्दों में बयान कर पाना संभव नहीं है। इस कालोनी के सभी निवासी गरीब मज़दूर हैं। उब्बड़-खाबड़ कच्ची गलियाँ, सीवरेज निकासी की उचित व्यवस्था नहीं, गंदे पखाने, चारों तरफ़ कूड़े-गन्दगी-बदबू -मच्छर-मक्खियों का साम्राज्य, पानी की बेहद कम स्पलाई, पीने के लिए दूषित पानी - यह हालत है मज़दूरों की इस बस्ती की। ऐसी हालत में लोगों की सेहत का हाल क्या होगा इसका अंदाज़ा लगाना कोई कठिन नहीं है। इसके अलावा बिजली महकमे से लोग अलग से दुखी हैं। बिजली की खऱाबी ठीक करवानी हो, बिल ज़्यादा आने की शिकायत हल करवानी हो, नया मीटर लगवाना हो - बिजली विभाग के अधिकारी मज़दूरों से सीधे मुँह बात नहीं करते। गलियों में रात के समय के लिए रौशनी का कोई प्रबंध नहीं है। बिजली की 14000 हाईवोलटेज तारें घरों की छतों के बिलकुल ऊपर से गुजरती हैं जिससे हमेशा हादसें होते रहते हैं। राजीव गांधी कालोनी के आस-पास जीवन नगर, शेरपुर, ग्यासपुरा आदि विशाल गरीब आबादी वाले इलाकों के लिए नज़दीक में कोई सरकारी हस्पताल या डिस्पेंसरी नहीं है। राजीव गांधी कालोनी के मज़दूरों की माँग है कि इलाको में सरकारी हस्पताल खोला जाये। औद्योगिक मज़दूरों के लिए खोली गई ई.एस.आई. डिस्पेंसरी का विस्तार किया जाये। पिछले महीने 30 सितम्बर को कालोनी निवासियों की हुई लोग पंचायत में प्रशासन के खि़लाफ़ संघर्ष छेडऩे के ऐलान के बाद यह फ़ैसला किया गया था कि 15 अक्तूबर को डी. सी. दफ़्तर में हजारों कालोनी निवासियों के हस्ताक्षर करवा कर रोषपूर्ण धरना-प्रदर्शन करके माँग पत्र सौंपा जाये। उन्होंने कहा वैसे तो पंजाब सरकार ने लुधियाना शहर के विकास के लिए 3561 रुपए की परियोजना का ऐलान किया है परन्तु राजीव गांधी कालोनी सहित समेत लुधियाना के अलग-अलग गरीब इलाकों के विकास के लिए सरकार कब कदम उठाएगी? उन्होंने कहा कि लुधियाना की बहुसंख्यक आबादी मज़दूरों की है इसलिए सरकार को सब से अधिक ध्यान उनके जीवन के हालात सुधारने की तरफ देना चाहिए। राजीव गांधी कालोनी के बारे में उन्होंने कहा कि यदि सरकार 3561 करोड़ रुपए का कुछ हिस्सा भी इस कालोनी के विकास पर लगा दे तो कालोनी की कायापलट हो सकती है। लखविन्दर ने कहा कि कारख़ाना मज़दूर यूनियन शहर के सभी इंसाफ़पसंद संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों समेत सभी इंसाफ़पसंद लोगों को उनके समर्थन में आने की अपील करती है।
*विमला सक्करवाल कारख़ाना मज़दूर यूनियन संचालन समिति की सक्रिय सदस्य है
सम्पर्क: मकादूर यूनियन,मकादूर पुस्तकालय, राजीव गाँधी कालोनी,
फोकल प्वाइण्ट-4, लुधियाना। फोन- 96461-50249
कारख़ाना मज़दूर यूनियन के संचालक लखविन्दर ने बताया कि गरीबी की जि़ंदगी काटने पर मजबूर इस कालोनी के निवासियों के रिहायशी हालातों की भयंकरता को शब्दों में बयान कर पाना संभव नहीं है। इस कालोनी के सभी निवासी गरीब मज़दूर हैं। उब्बड़-खाबड़ कच्ची गलियाँ, सीवरेज निकासी की उचित व्यवस्था नहीं, गंदे पखाने, चारों तरफ़ कूड़े-गन्दगी-बदबू -मच्छर-मक्खियों का साम्राज्य, पानी की बेहद कम स्पलाई, पीने के लिए दूषित पानी - यह हालत है मज़दूरों की इस बस्ती की। ऐसी हालत में लोगों की सेहत का हाल क्या होगा इसका अंदाज़ा लगाना कोई कठिन नहीं है। इसके अलावा बिजली महकमे से लोग अलग से दुखी हैं। बिजली की खऱाबी ठीक करवानी हो, बिल ज़्यादा आने की शिकायत हल करवानी हो, नया मीटर लगवाना हो - बिजली विभाग के अधिकारी मज़दूरों से सीधे मुँह बात नहीं करते। गलियों में रात के समय के लिए रौशनी का कोई प्रबंध नहीं है। बिजली की 14000 हाईवोलटेज तारें घरों की छतों के बिलकुल ऊपर से गुजरती हैं जिससे हमेशा हादसें होते रहते हैं। राजीव गांधी कालोनी के आस-पास जीवन नगर, शेरपुर, ग्यासपुरा आदि विशाल गरीब आबादी वाले इलाकों के लिए नज़दीक में कोई सरकारी हस्पताल या डिस्पेंसरी नहीं है। राजीव गांधी कालोनी के मज़दूरों की माँग है कि इलाको में सरकारी हस्पताल खोला जाये। औद्योगिक मज़दूरों के लिए खोली गई ई.एस.आई. डिस्पेंसरी का विस्तार किया जाये। पिछले महीने 30 सितम्बर को कालोनी निवासियों की हुई लोग पंचायत में प्रशासन के खि़लाफ़ संघर्ष छेडऩे के ऐलान के बाद यह फ़ैसला किया गया था कि 15 अक्तूबर को डी. सी. दफ़्तर में हजारों कालोनी निवासियों के हस्ताक्षर करवा कर रोषपूर्ण धरना-प्रदर्शन करके माँग पत्र सौंपा जाये। उन्होंने कहा वैसे तो पंजाब सरकार ने लुधियाना शहर के विकास के लिए 3561 रुपए की परियोजना का ऐलान किया है परन्तु राजीव गांधी कालोनी सहित समेत लुधियाना के अलग-अलग गरीब इलाकों के विकास के लिए सरकार कब कदम उठाएगी? उन्होंने कहा कि लुधियाना की बहुसंख्यक आबादी मज़दूरों की है इसलिए सरकार को सब से अधिक ध्यान उनके जीवन के हालात सुधारने की तरफ देना चाहिए। राजीव गांधी कालोनी के बारे में उन्होंने कहा कि यदि सरकार 3561 करोड़ रुपए का कुछ हिस्सा भी इस कालोनी के विकास पर लगा दे तो कालोनी की कायापलट हो सकती है। लखविन्दर ने कहा कि कारख़ाना मज़दूर यूनियन शहर के सभी इंसाफ़पसंद संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों समेत सभी इंसाफ़पसंद लोगों को उनके समर्थन में आने की अपील करती है।
*विमला सक्करवाल कारख़ाना मज़दूर यूनियन संचालन समिति की सक्रिय सदस्य है
सम्पर्क: मकादूर यूनियन,मकादूर पुस्तकालय, राजीव गाँधी कालोनी,
फोकल प्वाइण्ट-4, लुधियाना। फोन- 96461-50249
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